ऋण वसूली अधिकरण के बारे में
ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) और ऋण वसूली अपीलीय अधिकरण (डीआरएटी) की स्थापना ऋण वसूली और शोधन अक्षमता अधिनियम (आरडीबी अधिनियम), 1993 के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को देय ऋणों के संबंध में शीघ्र अधिनिर्णयन करने और वसूली के विशिष्ट उद्देश्य के साथ की गई थी।
वर्तमान में देश भर में 39 ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) और 5 ऋण वसूली अपीलीय अधिकरण(डीआरएटी) कार्यरत हैं। प्रत्येक डीआरटी और डीआरएटी का प्रमुख क्रमश: पीठासीन अधिकारी और अध्यक्ष होते हैं।
ऋण वसूली विधि
ऋण वसूली और शोधन अक्षमता अधिनियम (आरडीबी अधिनियम), 1993 बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को देय ऋणों के संबंध में शीघ्र अधिनिर्णयन करने और वसूली के लिए अधिकरणों की स्थापना और उससे संबद्ध या प्रासंगिक मामलों के संबंध में है।
वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन एवं प्रतिभूतिहित का प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम, 2002 वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन एवं प्रतिभूति हित के प्रवर्तन को विनियमित करने और उससे संबद्ध या प्रासंगिक मामलों के संबंध में है।
ऋण वसूली अधिकरण और ऋण वसूली अपीलीय अधिकरण
ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) और ऋण वसूली अपीलीय अधिकरण (डीआरएटी) की स्थापना ऋण वसूली और शोधन अक्षमता अधिनियम (आरडीबी अधिनियम), 1993 के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को देय ऋणों के संबंध में शीघ्र अधिनिर्णयन करने और वसूली के विशिष्ट उद्देश्य के साथ की गई थी।
वर्तमान में देश भर में 39 ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) और 5 ऋण वसूली अपीलीय अधिकरण (डीआरएटी) कार्यरत हैं। प्रत्येक डीआरटी और डीआरएटी का प्रमुख क्रमश: पीठासीन अधिकारी और अध्यक्ष होते हैं।
पिछले चार वर्षों में निपटाए गए मामले (दिनांक 18.7.2022)
वर्ष 2017 से 2022 तक पंजीकृत ओए और एसए मामले के निपटान के आंकडे
वित्तीय वर्ष | निपटान किए गए ओए* मामलों की संख्या | ओए मामलों में शामिल राशि (करोड़ रुपये में) | निपटान किए गए एसए** मामलों की संख्या | एसए मामलों में शामिल राशि(करोड़ रुपये में) |
---|---|---|---|---|
2017-18 | 26078 | 67263.91 | 5851 | 44045.06 |
2018-19 | 33224 | 146888.93 | 9459 | 80819.86 |
2019-20 | 30069 | 111106.57 | 10301 | 64588.13 |
2020-21 | 8058 | 26267.04 | 3754 | 38187.12 |
2021-22 | 13069 | 91940.25 | 6330 | 54007.32 |
Total | 110498 | 443466.7 | 35695 | 281647.49 |
**ओए : बैंकों /वित्तीय संस्थाओं द्वारा दायर किए गए मूल आवेदन
**एसए : उधारदाताओं/गारंटीदाताओं/ अन्य पक्षकारों द्वारा सरफेसी अधिनियम के अंतर्गत दायर किया गया आवेदन।