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वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) के कार्यात्मक दायित्व में बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के कार्य शामिल हैं। इस विभाग के प्रमुख सचिव(एफएस) हैं, जिनकी सहायता के लिए दो अपर सचिव (एएस), चार संयुक्त सचिव (जेएस), दो आर्थिक सलाहकार (ईए) और एक उप महानिदेशक (डीडीजी) हैं।

वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत में बैंकिंग क्षेत्र, बीमा क्षेत्र तथा पेंशन क्षेत्र से संबंधित सरकार के कई मुख्य कार्यक्रमों/पहल तथा सुधारों की निगरानी करता है।

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विभाग के मुख्य कार्य निम्नानुसार हैं :

1. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी), सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों (पीएसआईसी), सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों (पीएफआई), विनियामकों से संबंधित प्रशासकीय मामले और वित्तीय संस्थानों में पूर्णकालिक निदेशकों (डब्ल्यूटीडी) और सरकार नामिति निदेशकों से संबंधित मामले।

2. अधिनियमों का प्रशासन -निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) अधिनियम, 1981, राष्ट्रीय अवसंरचना वित्त पोषण और विकास बैंक अधिनियम, 2021, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक अधिनियम, 1989, अर्थक्षण अवसंरचना परियोजना के वित्तपोषण की योजना (एसआईएफटीआई), राज्य वित्तीय निगम अधिनियम, 1951

3. योजनाओं का कार्यान्वयन - आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का शुभारंभ मई, 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में किया गया था जिसका उद्देश्य पात्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और व्यावसायिक उद्यमों को उनकी परिचालन देनदारियां को पूरा करने और कोविड-19 महामारी के कारण हुई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय फिर से शुरू करने में मदद करना था, आईआईएफसीएल की अर्थक्षण अवसंरचना परियोजना के वित्तपोषण की योजना। इनके अतिरिक्त, विभाग द्वारा अभिरक्षक के कार्यालय (पदों को जारी रखने से संबंधित मामले, अभिरक्षक के कार्यालय का विस्तार और अभिरक्षक की नियुक्ति सहित अभिरक्षक के कार्यालय और विशेष न्यायालय से संबंधित बजटीय मामले) से संबंधित कार्य भी किए जाते हैं।

4. वित्तीय समावेशन, सामाजिक सुरक्षा और जोखिम हस्तांतरण तंत्र के रूप में बीमा से संबंधित पहल और सुधार; सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई)/किसानों/आम आदमी सहित अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों के लिए ऋण प्रवाह विभाग द्वारा किए जा रहे मुख्य कार्यों में से एक है। विभाग द्वारा वर्तमान में चलाई/प्रबंधित की जा रही प्रमुख योजनाओं में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई), प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) और स्टैंड अप इंडिया योजना शामिल हैं। इनके अलावा, विभाग द्वारा आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) भी कार्यान्वित की जा रही है।

विभाग द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी), सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों (पीएसआईसी) और वित्तीय संस्थानों (एफआई) जैसे राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी), भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक), राष्ट्रीय अवसंरचना वित्त पोषण और विकास बैंक (एनएबीएफआईडी), इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल), भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई), राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) आदिको नीतिगत सहायता प्रदान की जाती है। यह इन पीएसबी, पीएसआईसी और डीएफआई के कार्य-निष्पादन की निगरानी भीकरता है और भारत में बैंकिंग और बीमा क्षेत्र के संबंध में नीति तैयार करता है।यह विभाग संबंधित विनियामक संस्थानों अर्थात् भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) और पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से संबंधित विधायी और नीतिगत मामलों के संबंध में भी कार्रवाई करता है। वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) ऋण वसूली से संबंधित विधायी ढांचे से संबद्ध कार्य भी करता है। विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग संबंधी मामलों में भी कार्रवाई की जाती है।

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विभाग के मुख्य कार्य निम्नानुसार हैं :

1. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी), सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों (पीएसआईसी), सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों (पीएफआई), विनियामकों से संबंधित प्रशासकीय मामले और वित्तीय संस्थानों में पूर्णकालिक निदेशकों (डब्ल्यूटीडी) और सरकार नामिति निदेशकों से संबंधित मामले।

2. अधिनियमों का प्रशासन -निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) अधिनियम, 1981, राष्ट्रीय अवसंरचना वित्त पोषण और विकास बैंक अधिनियम, 2021, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक अधिनियम, 1989, अर्थक्षण अवसंरचना परियोजना के वित्तपोषण की योजना (एसआईएफटीआई), राज्य वित्तीय निगम अधिनियम, 1951

3. योजनाओं का कार्यान्वयन - आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का शुभारंभ मई, 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में किया गया था जिसका उद्देश्य पात्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और व्यावसायिक उद्यमों को उनकी परिचालन देनदारियां को पूरा करने और कोविड-19 महामारी के कारण हुई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय फिर से शुरू करने में मदद करना था, आईआईएफसीएल की अर्थक्षण अवसंरचना परियोजना के वित्तपोषण की योजना। इनके अतिरिक्त, विभाग द्वारा अभिरक्षक के कार्यालय (पदों को जारी रखने से संबंधित मामले, अभिरक्षक के कार्यालय का विस्तार और अभिरक्षक की नियुक्ति सहित अभिरक्षक के कार्यालय और विशेष न्यायालय से संबंधित बजटीय मामले) से संबंधित कार्य भी किए जाते हैं।

4. वित्तीय समावेशन, सामाजिक सुरक्षा और जोखिम हस्तांतरण तंत्र के रूप में बीमा से संबंधित पहल और सुधार; सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई)/किसानों/आम आदमी सहित अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों के लिए ऋण प्रवाह विभाग द्वारा किए जा रहे मुख्य कार्यों में से एक है। विभाग द्वारा वर्तमान में चलाई/प्रबंधित की जा रही प्रमुख योजनाओं में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई), प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) और स्टैंड अप इंडिया योजना शामिल हैं। इनके अलावा, विभाग द्वारा आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) भी कार्यान्वित की जा रही है।

विभाग द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी), सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों (पीएसआईसी) और वित्तीय संस्थानों (एफआई) जैसे राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी), भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक), राष्ट्रीय अवसंरचना वित्त पोषण और विकास बैंक (एनएबीएफआईडी), इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल), भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई), राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) आदिको नीतिगत सहायता प्रदान की जाती है। यह इन पीएसबी, पीएसआईसी और डीएफआई के कार्य-निष्पादन की निगरानी भीकरता है और भारत में बैंकिंग और बीमा क्षेत्र के संबंध में नीति तैयार करता है।यह विभाग संबंधित विनियामक संस्थानों अर्थात् भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) और पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से संबंधित विधायी और नीतिगत मामलों के संबंध में भी कार्रवाई करता है। वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) ऋण वसूली से संबंधित विधायी ढांचे से संबद्ध कार्य भी करता है। विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग संबंधी मामलों में भी कार्रवाई की जाती है।

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