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अटल पेंशन योजना

पेंशन क्या है? मुझे इसकी आवश्यकता क्यों है?

पेंशन लोगों को उस समय मासिक आय उपलब्‍ध कराती है जब वे कोई अर्जन नहीं कर रहे होते।

पेंशन की आवश्‍यकता :

  • बढ़ती आयु के साथ आय-अर्जन क्षमता का घट जाना
  • एकल परिवारों की संख्या में वृद्धि
  • जीवनयापन की लागत में वृद्धि
  • आयु में वृद्धि
  • वृद्धावस्था में किसी और पर वित्तीय निर्भरता कम होने से सम्मानजनक जीवन।

एपीवाई में कौन अभिदान कर सकता है?

भारत का कोई भी नागरिक एपीवाई योजना में शामिल हो सकता है। पात्रता मानदंड निम्‍नानुसार है:

  • अभिदाता की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • उसका बैंक/डाकघर में एक बचत खाता होना चाहिए।

अपने एपीवाई खाते के साथ-साथ एपीवाई योजना के बारे में आवधिक अपडेट प्राप्‍त करने के लिए संभावित आवेदक के द्वारा एपीवाई में पंजीकरण के दौरान बैंक को मोबाईल नंबर प्रदान किया जा सकता है। पंजीकरण के दौरान आधार भी उपलब्ध कराया जा सकता है क्योंकि एपीवाई योजना इसके लिए अधिसूचित है।

क्या केंद्र/राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के कर्मचारी और / या एनपीएस अभिदाता एपीवाई की सदस्यता ले सकते हैं ?

  • जी, हां, 18 से 40 वर्ष के बीच की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा गारंटीकृत लाभों को प्राप्त करने के लिए एपीवाई योजना में शामिल हो सकता है, भले ही वह सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत हो।
  • इसके अलावा, मौजूदा एनपीएस अभिदाता भी एपीवाई के तहत भारत सरकार द्वारा गारंटीकृत लाभों को प्राप्त करने के लिए इस योजना में अभिदान कर सकता है, यदि वह मूलभूत पात्रता शर्तों को पूरा करता है।

एपीवाई योजना में शामिल होने के क्या लाभ हैं?

अटल पेंशन योजना के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन लाभ की गारंटी सरकार की होगी, अर्थात् अंशदान अवधि के दौरान यदि पेंशन अंशदानों पर अर्जित वास्तविक प्रतिलाभ न्यूनतम गारंटीयुक्त मासिक पेंशन के लिए अनुमानित प्रतिलाभ से कम होता है तो ऐसी कमी की पूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। दूसरी ओर, यदि अंशदान अवधि के दौरान पेंशन अंशदान पर अर्जित वास्तविक प्रतिलाभ न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन के लिए अनुमानित प्रतिलाभ से अधिक है तो योजना के अंतर्गत ऐसे बढ़े हुए लाभ अभिदाताओं को दिए जाते हैं। 

एपीवाई में 1 जून, 2015 से 31 दिसम्‍बर, 2015 तक की अवधि के दौरान योजना में शामिल हुए प्रत्‍येक पात्र एपीवाई खाता धारकों तथा जो किसी अन्‍य सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना द्वारा कवर नहीं होते हैं और आयकरदाता नहीं हैं, को भारत सरकार ने कुल अंशदान का 50% या 1000/- रूपये प्रतिवर्ष, जो भी कम हो, का सह-अंशदान किया था। सरकारी सह-अंशदान वित्‍तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 वर्ष के लिए दिया गया।

एपीवाई खाता खोलने की प्रक्रिया क्‍या है?

एपीवाई खाता खोलने के लिए जहां व्यक्ति का बचत खाता है, उस बैंक शाखा / डाकघर से संपर्क करें या यदि अभिदाता का बचत खाता नहीं है, तो एक बचत खाता खुलवाएं।

क्‍या योजना में शामिल होने के लिए आधार नम्‍बर अनिवार्य है?

अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को अब आधार अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है। अधिनियम के उपबंधों के अनुसार, एपीवाई के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र किसी भी व्यक्ति को आधार नंबर होने का साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा या आधार प्रमाणीकरण के तहत नामांकन करवाना होगा। इसलिए, अभिदाता की उचित पहचान हेतु आधार नंबर उपलब्ध कराना आवश्यक है।

क्‍या मैं बचत बैंक खाते के बिना एपीवाई खाता खोल सकता हूं?

जी, नहीं, एपीवाई में शामिल होने के लिए बैंक / डाकघर में बचत खाता होना अनिवार्य है।

क्या योजना में शामिल होते समय किसी को नामिती बनाना अनिवार्य है ?

जी, हाँ। एपीवाई खाते में नामिति का विवरण प्रदान करना अनिवार्य है।

क्या डिफॉल्ट नामिति या रक्त-संबंध का कोई प्रावधान है?

यदि अभिदाता अविवाहित है तो वह किसी भी व्यक्ति को नामिती बना सकता है और विवाह के बाद डिफाल्ट नामिती के लिए उनको पति/पत्नी का विवरण प्रदान करना होगा। यदि वह पहले से ही विवाहित है तो उसके पति/पत्नी को डिफाल्ट नामिती माना जाएगा और इसके अलावा किसी भी व्यक्ति को नामिती बनाना होगा। पति/पत्नी और नामितियों के आधार विवरण दिए जाएं।

मैं कितने एपीवाई खाते खोल सकता/सकती हूं?

कोई भी अंशदाता केवल एक एपीवाई खाता खोल सकता है। एक से अधिक एपीवाई खाते की अनुमति नहीं है।

क्या कोई नाबालिग एपीवाई खाता खोल सकता है?

जी, नहीं। नाबालिग द्वारा एपीवाई खाता नहीं खोला जा सकता है।

यदि मैं 40 वर्ष की आयु पूरी कर लेता/लेती हूँ, तो क्या मैं अटल पेंशन योजना में शामिल हो सकता/सकती हूँ?

जी, नहीं, वर्तमान में 18 वर्ष से 39 वर्ष 364 दिन की आयु वाले व्यक्ति अटल पेंशन योजना में शामिल हो सकते हैं।

क्या अप्रवासी भारतीय एपीवाई खाता खोलने के लिए पात्र हैं?

जी, हां, 18 से 40 वर्ष की आयु वाले अप्रवासी भारतीय, जिनका एपीवाई पीओपी में बैंक खाता है, एपीवाई खाता खोलने के लिए पात्र हैं।

एपीवाई खाता खोलने के बाद, यदि कोई अभिदाता देश का नागरिक नहीं रह जाता है तो क्‍या होगा?

यह योजना केवल भारतीय नागरिकों के लिए खुली है। अत: इस स्थिति में एपीवाई खाते को बंद कर दिया जाएगा और उसके (अभिदाता के) अंशदानों पर अर्जित निवल वास्तविक ब्याज (खाता रखरखाव प्रभारों की कटौती के बाद) लौटा दिया जाएगा, जबकि सरकार के सह-अंशदान और उस पर अर्जित ब्याज को अभिदाता को नहीं लौटाया जाएगा।

एपीवाई में किसी व्यक्ति को कितनी राशि का अंशदान करना होता है?

अंशदान राशि, एपीवाई खाता खोलते समय अभिदाता की आयु, अंशदान की आवृत्ति और चुनी गई पेंशन राशि पर निर्भर करेगी। इस संदर्भ में आयु-वार, आवृत्ति-वार और पेंशन राशि-वार अंशदान तालिका अनुबंध में दी गई है।

एपीवाई खाते में अंशदान की पद्धति और आवृत्ति क्या है ?

अभिदाता के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत खाते से ऑटो डेबिट सुविधा के द्वारा मासिक /त्रैमासिक/अर्धवार्षिक अंतरालों के आधार पर अंशदान का भुगतान किया जा सकता है।

एपीवाई के तहत अंशदान की देय तिथि क्या है ?

एपीवाई अंशदान अभिदाता के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत खाते से ऑटो डेबिट सुविधा के द्वारा माह की किसी भी तिथि को संग्रहित किया जा सकता है। मासिक अंशदान के मामले में महीने की किसी भी तिथि या त्रैमासिक अंशदान के मामले में, तिमाही के पहले महीने के किसी भी दिन या अर्धवार्षिक अंशदान के मामले में छमाही के पहले महीने के किसी भी दिन बचत बैंक खाते/डाकघर बचत खाते के माध्यम से एपीवाई में अंशदान का भुगतान किया जा सकता है।

यदि अंशदान जमा करने में देरी होती है तो क्या होगा ?

यदि एपीवाई अंशदान जमा करने में देय तिथि से देरी होती है तो अभिदाता से विलंबित अवधि के लिए अतिदेय ब्याज लिया जाएगा।

विलंबित अंशदान की स्थिति में अतिदेय ब्याज की गणना किस प्रकार की जाती है?

बैंकों को प्रत्येक माह के विलंबित अंशदान के लिए अंशदान के प्रत्येक 100 रुपये की राशि या इसके कुछ भाग पर 1 रुपये प्रति माह की राशि देनी होती है। एकत्रित की गई अतिदेय राशि अभिदाता के पेंशन कोष के रूप में बनी रहेगी निधियों की उपलब्धता के अध्याधीन एक से अधिक मासिक/त्रैमासिक/अर्द्धवार्षिक अंशदान की वसूली की जा सकती है।

देय तिथि को अंशदान के लिए बचत बैंक खाते में अपेक्षित अथवा पर्याप्‍त राशि बनाए न रखने पर क्‍या होगा ?

यदि म‍हीने की अंतिम तारीख/तिमाही के प्रथम महीने की अंतिम तारीख/ छमाही में प्रथम महीने की अंतिम तारीख, जैसा भी मामला हो, को अभिदाता के बचत बैंक खाते में अपर्याप्‍त शेष राशि हो, तो उसे चूक माना जाएगा और आगामी महीने में विलंब से किए गए अंशदान के लिए अतिदेय ब्‍याज सहित अंशदान का भुगतान करना होगा। निधि की उपलब्‍धता के आधार पर एक से अधिक मासिक/त्रैमासिक/अर्ध-वार्षिक अंशदान की वसूली की जा सकती है।

निरंतर चूक के मामले में एपीवाई खाते का क्‍या होगा ?

अभिदाता के एपीवाई खाते से आवधिक तौर पर खाता रखरखाव शुल्क और अन्य सम्बंधित शुल्क की वसूली के लिए तब तक कटौती की जाती रहेगी जब तक वसूल की जाने वाली उक्त राशि शून्य न हो जाए।

एपीवाई का अंशदान निवेश किस प्रकार किया जाता है ?

एपीवाई के अंतर्गत अंशदान का निवेश केंद्र सरकार/राज्‍य सरकार/एनपीएस-लाइट/स्‍वावलंबन योजना/एपीवाई के लिए पीएफआरडीए द्वारा निर्धारित निवेश दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है। इस प्रकार एकत्रित किए गए अंशदानों का निवेश और निधियों का प्रबंधन एसबीआई पेंशन फंड प्रा. लि., एलआईसी पेंशन फंड लि., यूटीआई रिटायरमेंट सोल्युशन लि. द्वारा किया जाता है।

एपीवाई अभिदाता के लिए कौन सी नई सुविधाएं उपलब्ध हैं ? क्या ये सुविधाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं ?

उभरती हुई आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पीएफआरडीए द्वारा नियुक्त सेंट्रल रिकार्डकीपिंग एजेंसी (सीआरए) ने नई सुविधाएं उपलब्ध करायी हैं, जिसे निम्न तालिका में श्रेणीबद्ध किया गया है।

पीएफआरडीए ने ऑनलाइन उपलब्ध इन सुविधाओं का डिजिटल उपयोग भी उपलब्ध कराया है ताकि अभिदाता बैंक/ डाकघर शाखा में गए बिना अपने खाते के बारे में जान सके। इन सुविधाओं से एपीवाई अभिदाताओं को लाभ होगा और वे निम्नलिखित खाता संबंधी कार्यकलाप कर सकेंगे

अभिदाता उपर्युक्त सुविधाओं को देखने के लिए निम्नलिखित लिंक पर जा सकते हैं

https://www.npscra.nsdl.co.in/scheme-details.php

क्या एपीवाई के तहत विभिन्न फार्म आनलाइन उपलब्ध हैं ?

हां, एपीवाई के तहत विभिन्न फार्म

https://www.npscra.nsdl.co.in/nsdl-forms.php पर जाकर प्राप्त किए जा सकते हैं।

क्या ऐसा कोई विकल्‍प होगा, जिसमें उच्‍चतर अथवा निम्‍न‍तर पेंशन राशि के लिए मासिक अंशदान की राशि को बढ़ाया अथवा घटाया जा सकेगा ?

  • जी, हां, अभिदाता संचयन चरण के दौरान वित्तीय वर्ष में एक बार पेंशन राशि को घटाने या बढ़ाने का विकल्प चुन सकता है।
  • बढ़ाने के लिए अभिदाताओं को मासिक चक्रवृद्धि आधार पर 8% प्रति वर्ष की दर से अंशदान की विभेदक राशि का भुगतान करना होगा जबकि घटाने के मामले में, अभिदाता से संकलित की गई अंशदान की अतिरिक्त राशि अभिदाताओं को उस पर जारी प्रतिलाभ के साथ वापस कर दी जाएगी।
  • त्रुटिपूर्ण मामलों के अलावा बढ़ाने या घटाने के लिए, अभिदाता को 50 रुपये का शुल्क देना होगा, जो पीओपी-एपीवाईएसपी और सीआरए द्वारा सामान रूप से वहन किया जाएगा।

मैं अपने अंशदान के बारे में कैसे जान सकूंगा/सकूंगी ?

एपीवाई अभिदाता को पीआरएएन सक्रिय होने, खाते में मौजूद शेष राशि, अंशदान जमा इत्यादि से संबंधित आवधिक जानकारी समय-समय पर एसएमएस अलर्ट के द्वारा पंजीकृत मोबाइल नंबर पर दी जाएगी या इसे एनएसडीएल द्वारा आरम्भ किए गए मोबाइल/एपीवाई एप पर देखा जा सकता है। अभिदाता को एक वित्त वर्ष में एक बार खाते के विवरण की भौतिक प्रति पंजीकृत पते भी भेजी जाएगी।

क्या मुझे लेन-देन की विवरणी प्राप्त होगी ?

हां, एपीवाई खाते की वार्षिक लेन-देन विवरणी अभिदाता को उसके पंजीकृत पते पर उपलब्ध कराई जाएगी।

यदि मैं दूसरे निवास स्थान/शहर चला जाता हूं तो मैं एपीवाई खाते में अंशदान कैसे कर सकता/कर सकती हूं ?

निवास स्थान/स्थान में परिवर्तन के मामले में भी उसी बचत खाते के ऑटो डेबिट के जरिये एपीवाई अंशदान बिना किसी बाधा के एकत्र किया जा सकेगा। चूंकि अंशदान संग्रह बैंक खाते के माध्यम से किया जाता है जो सीबीएस प्रणाली पर कार्य करता है, ग्राहक उसी बचत बैंक खाते के माध्यम से योगदान जारी रख सकता है, भले ही निवास स्थल बदल गया हो।

यदि मैं एपीवाई का मौजूदा अभिदाता हूं, तो क्या मैं अपनी सुविधानुसार अपनी मासिक ऑटो -डेबिट सुविधा को तिमाही या अर्धवार्षिक के रूप में बदल सकता हूं ?

हां, अभिदाता वर्ष में एक बार ऑटो-डेबिट सुविधा के तरीके (मासिक/त्रैमासिक/ अर्धवार्षिक) को बदल सकता है।

क्या एपीवाई योजना के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर है जहां एपीवाई योजना से संबंधित प्रश्नों का उत्तर प्राप्त हो सके ?

हां, एपीवाई योजना के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-110-069 है।

क्या मुझे एपीवाई योजना के तहत कोई कर लाभ मिलेगा ?

अधिसूचना सं. 7/2016, फा.सं.173/394/2015-आईटीए-I दिनांक 19 फरवरी, 

2016 के अनुसार एपीवाई योजना के तहत कर लाभ एनपीएस योजना के समान उपलब्ध हैं।

एपीवाई खाते के रखरखाव में कौन से शुल्क और प्रभार शामिल हैं ?

एपीवाई के सभी प्रभार और शुल्क संबंधी तालिक

एपीवाई से निकासी की प्रक्रिया क्या है ?

अभिदाता संबद्ध बैंक/डाकघर से न्यूनतम गारंटीकृत मासिक पेंशन या उच्चतर मासिक पेंशन, यदि निवेश प्रतिफल एपीवाई में अंतर्निहित गारंटीकृत प्रतिफल से अधिक हो तो, के आहरण के लिए अनुरोध कर सकता है। सफलतापूर्वक अनुरोध जमा होने पर, अभिदाता को  उसके द्वारा योगदान के आधार पर मासिक पेंशन मिलती है। अभिदाता की मृत्यु होने पर पति/पत्नी (डिफ़ॉल्ट नामिती) को समान मासिक पेंशन देय है। अभिदाता और पति/पत्नी दोनों की मृत्यु होने पर नामिती, अभिदाता के 60 वर्ष की आयु तक संचित पेंशन धन की वापसी के लिए पात्र होगा।

क्या एपीवाई योजना से 60 वर्ष की आयु से पूर्व बाहर निकला जा सकता है? यदि हाँ, तो इसके क्या लाभ हैं ?

हां, एपीवाई के तहत 60 वर्ष की आयु से पूर्व स्वैच्छिक बहिर्गमन की अनुमति है। 

अभिदाता को केवल एपीवाई में उनके द्वारा किए गए अंशदान के साथ-साथ उस अंशदान पर अर्जित     मूल वास्तविक आय (खाता रखरखाव शुल्क काटने के बाद) वापस किया जाएगा।  

हालाँकि, उन अभिदाताओं के मामले में जो योजना में 31 मार्च 2016 के पूर्व शामिल हुए हैं और सरकारी     सह-अंशदान प्राप्त किया है, यदि 60 वर्ष की आयु से पूर्व स्वैच्छिक बहिर्गमन का विकल्प चुनते हैं, तो उनको सरकारी सह-अंशदान और उस पर अर्जित आय प्राप्त नहीं होगा । 

60 वर्ष की आयु से पूर्व मृत्यु हो जाने की स्थिति में किसी अभिदाता को क्या प्राप्त होगा ?

विकल्प 1: 60 वर्ष की आयु से पूर्व अभिदाता की मृत्यु के मामले में, अभिदाता के पति/पत्नी को अभिदाता के एपीवाई खाते, जो कि पति/पत्नी के नाम से चलाया जाएगा, में निर्धारित बची हुई अवधि, जब तक कि मूल अभिदाता की आयु 60 वर्ष न हो जाये, के लिए अंशदान जारी रखने का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। अभिदाता का पति/पत्नी, जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो जाती, अभिदाता के समान पेंशन राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। यदि पति/पत्नी के स्वयं के नाम पर भी एपीवाई खाता हो तो ऐसा एपीवाई खाता और पेंशन राशि इसके अतिरिक्त होगी। 
 
विकल्प 2: एपीवाई के अंतर्गत उक्त तारीख तक की समग्र संचित राशि पति/पत्नी/नामिती को लौटा दी जाएगी।

60 वर्ष की आयु पूरी होने पर एपीवाई योजना से बाहर निकलने पर क्या लाभ हैं ?

60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर अभिदाता को निम्नलिखित तीन लाभ प्राप्त होंगे:

  • गारंटीयुक्त न्यूनतम पेंशन राशि: एपीवाई के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद मृत्यु तक प्रत्येक अभिदाता को भारत सरकार द्वारा 1000 रु. प्रति माह या 2000 रु. प्रति माह या 3000 रु. प्रति माह या 4000 रु. प्रति माह या 5000 रु. प्रति माह की गारंटीयुक्त न्यूनतम पेंशन प्राप्त होगी।
  • पति/पत्नी के लिए गारंटीयुक्त न्यूनतम पेंशन राशि: अभिदाता की मृत्यु होने पर अभिदाता के पति/पत्नी अभिदाता के समान आजीवन पेंशन राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
  • अभिदाता के नामिती को पेंशन संपत्ति वापस करना : अभिदाता और पति/पत्नी दोनों की मृत्यु होने पर नामिती, अभिदाता की 60 वर्ष की आयु तक संचित की गई पेंशन राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
  • एनपी-एस स्वावलंबन और एपीवाई

क्या एनपीएस लाइट/स्वावलंबन योजना से एपीवाई में जाया जा सकता है ?

18 से 40 वर्ष की आयु के स्वावलंबन अभिदाता एपीवाई में शामिल होने के पात्र हैं।

एनपीएस लाइट/स्वावलंबन योजना से एपीवाई में जाने की क्या प्रक्रिया है ?

पात्र स्वावलंबन अभिदाता जो एपीवाई में जाना चाहते हैं, एपीवाई में जाने के लिए नामांकन फॉर्म भर सकते हैं और इसे प्रान कार्ड की प्रतिलिपि के साथ अपने निकटतम एपीवाई सेवा प्रदाता को पंजीकरण हेतु  जमा कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद, अभिदाता को बैंक शाखा में भेजा जाएगा। स्वावलंबन योजना के तहत शेष प्रान राशि को टी+1 आधार पर एपीवाई योजना में अंतरित कर दिया जाएगा।

एपीवाई में स्थानांतरित होने के बाद एनपीएस लाइट/स्वावलंबन योजना के तहत पहले से ही संचित अंशदान का क्या होगा ?

18 और 40 वर्ष वाली आयु समूह के मौजूदा एनपीएस लाइट/स्वावलम्बन अभिदाता, जो एपीवाई में शामिल हो चुके हैं, के संचित कोश को समान प्रान के तहत रखा जाएगा और यह बहिर्गमन के समय तक अतिरिक्त संपत्ति के रूप में बना रहेगा। इस अतिरिक्त राशि को अभिदाता को उच्च पेंशन लाभ या एकमुश्त आहरण, या जैसा भी मामला हो, के रूप में दिया जा सकता है। एनपीएस लाइट/स्वावलम्बन से एपीवाई में जाने के बाद एपीवाई के तहत ऐसे अभिदाताओं का अंशदान, चयनित पेंशन राशि और अभिदाता की आयु के आधार पर अनुबंध-I में उल्लिखित राशि के अनुसार होगा।

क्या एनपीएस लाइट/ स्वावलंबन अभिदाता योजना से बाहर निकल सकते हैं ?

हां, एनपीएस लाइट/स्वावलम्बन योजना के तहत अभिदाता, जो योजना में शामिल नहीं रहना चाहते, योजना पर लागू दिशानिर्देशों के अनुसार योजना से निकल सकते हैं और सम्पूर्ण राशि एकमुश्त रूप से आहरण कर सकते हैं या योजना के अनुसार लाभ प्राप्त करने के लिए 60 वर्ष की आयु तक योजना में बने रह सकते हैं।

क्या एपीवाई से संबंधित जानकारी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है ?

जी, हां, सोशल मीडिया पर निम्नलिखित लिंक्स पर एपीवाई पृष्ठ उपलब्ध हैं: 

फेसबुक-https://www.facebook.com/OfficialAPY/

पीएफआरडीए पृष्ठ उपलब्ध है: 

लिंक्डइन - https://www.linkedin.com/in/pfrda-pension-fund-regulator-of-india-051614168/originalSubdomain=in

यूट्यूब - https://www.youtube.com/channel/UCLMx1eZWY-LDeyIWCwYu15Q

यूट्यूब पर एपीवाई की पाठशाला - https://www.youtube.com/channel/UC5SuHg-O6ipH1J_HTfU17ug

ट्विटर - https://twitter.com/pfrdaofficial?lang=en

कोविड-19 महामारी के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए, क्या भारत सरकार/पीएफआरडीए द्वारा एपीवाई के ऑटो-डेबिट को बंद करने के संबंध में कोई कदम उठाए गए हैं ?

कृपया "एपीवाई अंशदान के लिए 30 जून, 2020 तक ऑटो-डेबिट की सुविधा बंद रखने"  संबंधी विषय पर पीएफआरडीए की, परिपत्र संख्या: पीएफआरडीए/2020/8/पीऔरडी-एपीवाई/1 दिनांक 11.04.2020 का संदर्भ लें । इसके अतिरिक्त ऑटो-डेबिट 1 जुलाई, 2020 से आरंभ होगा। यदि अप्रैल, 2020 से अगस्त, 2020 तक के एपीवाई अंशदान 30 सितंबर, 2020 तक नियमित हो जाते हैं; तो अभिदाता से कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लिया जाएगा।

कितने वर्षों तक सरकार सह-अंशदान देगी ?

भारत सरकार का सह-अंशदान, वैसे अभिदाता, जो योजना में 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की अवधि के दौरान शामिल हुए हैं और जो किसी सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत शामिल नहीं हैं और आयकरदाता नहीं हैं, के लिए 5 वर्षों अर्थात वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए उपलब्ध है। सेंट्रल रिकार्डकीपिंग एजेंसी -एनएसडीएल से पुष्टि प्राप्त होने पर कि अभिदाता द्वारा संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान कर दिया है, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र अभिदाताओं को सरकारी सह-अंशदान देय होगा। ऐसे मामलों में, सरकारी सह-अंशदान अभिदाता के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में जमा होगा, जो कि कुल एपीवाई अंशदान का 50% होगा, जो वित्तीय वर्ष के अंत में 1000/- रुपये की अधिकतम सीमा के अध्यधीन है। हालांकि, कुछ राज्य सरकारें भी अपनी अधिसूचना के अनुसार अपने संबंधित राज्यों में एपीवाई अभिदाताओं के लिए सह-अंशदान करती हैं।